geography class 12 chapter 2 notes in hindi

Geography Class 12 Chapter 2 notes in hindi | विश्व जनसंख्या : वितरण घनत्व और वृद्धि | class 12 geography chapter 2 in hindi pdf

Geography Class 12 Chapter 2 notes in hindi

📚   Chaper – 2   📚

विश्व जनसंख्या (world population)

वितरण घनत्व और वृद्धि (distribution density and growth)

geography class 12 chapter 2 notes in hindi

★ जनसंख्या (Population) :- किसी भी राज्य, प्रदेश, देश या किसी विशेष स्थान में निवास करने वाले कुल जन (लोग) की संख्या को जनसंख्या कहते हैं।

> जनसंख्या किसी भी देश का वास्तविक धन / संसाधन है।

> शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुभव देकर मानव को अर्थात जनसंख्या को मानव संसाधन के रूप में बदला जाता है ।

>> विश्व की जनसंख्या असमान रूप से बटा हुआ है।

★ जॉर्ज बी क्रेसी के अनुसार एशिया में जनसंख्या का वितरण “एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग और कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते हैं” विश्व जनसंख्या वितरण की दृष्टि से उक्त कथन सत्य है।

 

★ विश्व में जनसंख्या का वितरण (Distribution of Population in the World)

जनसंख्या वितरण का अर्थ यह है विश्व के अलग-अलग भागों में कितनी संख्या में कौन सी जनसंख्या (बच्चों, बुढ़े,वयस्क) निवास करती है या जनसंख्या निवास करती है ।

अर्थात भूपर्पटी पर पृथ्वी पर लोग किस प्रकार बटे हुए हैं।

> विश्व जनसंख्या का 90% प्रतिशत जनसंख्या पृथ्वी के 10% भाग पर अर्थात स्थल पर निवास करता है।

★★ दुनिया के लगभग 60% जनसंख्या निम्नलिखित 10 देशों में निवास करती है । इनमें 4 देश एशिया के अंतर्गत आते हैं।

      1. चीन (Asia)
      2. भारत(Asia)
      3. मेक्सिको
      4. रूस
      5. बांग्लादेश (Asia)
      6. पाकिस्तान(Asia)
      7. नाइजीरिया
      8. ब्राजील
      9. इंडोनेशिया
      10. USA

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★ जनसंख्या घनत्व ( Population Desnsity) :- किसी विशेष क्षेत्र (राज्य, देश, प्रदेश) के जनसंख्या और उसके कुल क्षेत्रफल के अनुपात (ratio) को जनसंख्या घनत्व कहते हैं।

> जनसंख्या घनत्व से प्रति वर्ग किलोमीटर(/km2) में निवास करने वाली जन (लोग) का औसत मान का पता चलता है ।

★ जनसंख्या वितरण पर प्रभाव डालने वाला अवयव अथवा कारक

A) आर्थिक कारक (Economics Factor) :- वे कारक जो अर्थव्यवस्था पर असर डालता है उसे आर्थिक कारक कहते हैं।

जैसे – औद्योगिकरण (Industrialization), मजदूरी, कर (tax) इत्यादि भी जनसंख्या वितरण को बहुत हद तक प्रभावित करती है।

साथ ही साथ नगरीकरण (Urbanization), खनिज (Minerals), आर्थिक कारक भी जनसंख्या वितरण पर प्रभाव डालने वाला अवयव है ।

 

B) भौगोलिक कारक (Geographical Factor) :– मिट्टी, चट्टानी जमीन, समतल मैदान, बाढ़ प्रवण, जंगल, वनस्पति, जल, वायु, आंधी, चक्रवात, मिट्टी की उर्वरा क्षमता आदि भौगोलिक कारक जनसंख्या वितरण पर प्रभाव डालती है।

जैसे समतल मैदान में ज्यादा जनसंख्या पाई जाती है क्योंकि वहां कृषि आसान तरीके से की जाती है।

बाढ़ की वजह से लोग ऊंचे स्थान पर जाकर बस जाते हैं जिससे ऊंचे स्थानों पर जनसंख्या (घनत्व) बढ़ जाती है।

★ जनसंख्या वृद्धि ( Population Growth) :- किसी विशेष क्षेत्र की जनसंख्या समय के साथ बढ़ती है, जिसे जनसंख्या वृद्धि कहते हैं।

> जनसंख्या वृद्धि जनसंख्या में एक परिवर्तन (बदलाव) है, यह परिवर्तन ऋणात्मक या धनात्मक में होता है।

> जनसंख्या वृद्धि निम्नलिखित कारण से होता है।

  1. चिकित्सा सेवा में सुधार
  2. परिवार नियोजन के प्रति लोगों में कम रुचि
  3. बाल-विवाह (Child marriage)
  4. कम मृत्यु दर
  5. साक्षर में कमी (Lack of liiteracy)

> भारत में वर्ष 2001 में कुल जनसंख्या 102.70 करोड़, वर्ष 2011 में 121.02 करोड़

> वर्ष 2001 से 2011 के अंतराल में जनसंख्या वृद्धि / परिवर्तन = 121.02 – 1.2.70 = 18.32 करोड़

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★ जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि (The Natural Increase of Population) :- किसी विशेष क्षेत्र के कुल जन्म दर और मृत्यु दर के अंतर को अर्थात जन्म और मृत्यु के बीच का अंतराल को प्राकृतिक वृद्धि कहते हैं।

प्राकृतिक वृद्धि = जन्म – मृत्यु

★ आप्रवास (Immigration) :- लोगों का उस जगह जाने की प्रक्रिया जहां के व मूल निवासी (Native) नहीं है ,आप्रवास कहलाता है, अर्थात नई जगह पर जाना ।

★ उत्प्रवास (Emigration) :- मूल निवास, अर्थात अपना (जन्म स्थान) देश छोड़ना उत्प्रवास कहलाता है, या एक जगह से चले जाने को उत्प्रवास कहते हैं।

नया जगह जाना = आप्रवास (आप्रवासी)

पुराना जगह छोड़ना (मूल जगह) = उतप्रवास (उत्प्रवासी)

 

★ जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि :

वास्तविक वृद्धि (Real Growth) = जन – मृत्यु + आप्रवास – उत्प्रवास

★ जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि :- जब मृत्यु दर कम, जन्म दर अधिक तथा दूसरे देशों के लोग आकर उस देश में स्थाई (Permanent) रूप से बस जाए , तब जनसंख्या की वृद्धि धनात्मक होती है, अन्यथा ऋणात्मक होती है।

> जनसंख्या परिवर्तन के अवयव (Component)

  1. प्रवास :- जब लोग एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं तो प्रवास कहलाते हैं।

जहां से जाते हैं उसे उदगम स्थान तथा जहां जाकर शरण लेते हैं उसे गंतव्य स्थान कहते हैं।

 

  1. मृत्यु (Death) :- किसी क्षेत्र का मृत्यु दर भी उस क्षेत्र के जनसंख्या में परिवर्तन लाता है।
  2. जन्म (Birth) :- यह प्रजनन क्षमता से संबंधित कारक है।

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★ प्रवास को प्रभावित करने वाले दो कारक होते हैं ।

  1. प्रतिकर्ष कारक ( Factor Per Annum) :-

इसके अंतर्गत बेरोजगारी, भुखमरी, आपदा, बाढ़, आर्थिक पिछड़ापन आदि आते हैं।

  1. अपकर्ष कारक (Drag Factor) :– इसमें लोग अनुकूल परिस्थिति के कारण प्रवास करने को मजबूर हो जाते हैं।

जैसे सुरक्षा, विकल्प, शांति, अनुकूल जलवायु

>       प्रतिकूल जलवायु = प्रतिकर्स कारक

अनुकूल जलवायु  = अपकर्ष कारक

> ईशा की प्रथम शताब्दी में जनसंख्या 30 करोड़ से कम थी।

> 1750 ईस्वी (औद्योगिक क्रांति के समय) के समीप विश्व जनसंख्या 55 करोड़ थी।

> विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से तरह-तरह के मशीनों का निर्माण हुआ और महामारीयो के इलाज के लिए अनेक प्रकार की औषधियां भी बनी। इस तरह विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने भी जनसंख्या को बढ़ाने में योगदान प्रदान की है।

>> लेकिन यह बात पूरी तरह से सच नहीं है कि तकनीकी, औषधि, विज्ञान, मशीन। इन्हीं सब की वजह से जनसंख्या बढ़ती यह बात पूरी तरीके से सही नहीं है, यह कुछ हद तक ही सच है, लेकिन पूरी तरीके से नहीं , क्योंकि जितना ज्यादा इलाज, टेक्नोलॉजी और तरह-तरह के मशीन से बढ़ता है, उतना ही आप देखेंगे दिन-ब-दिन एक्सीडेंट , बीमारी, और बहुत से कारण की वजह से लोगो का मृत्यु होता है, हाल ही में कोरोना (Covid-19) इससे बहुत आदमी का मृत्यु हो गया।

> 20वीं शताब्दी में जनसंख्या 4 गुनी बढ़ी

> प्रत्येक वर्ष 8 करोड़ जनसंख्या (लोग) पहले की जनसंख्या में जुड़ जाते हैं तथा बीते 500 वर्षों में मानवीय जनसंख्या 10 गुना से अधिक बढ़ी है।

> मानवीय जनसंख्या को प्रारंभ में एक करोड़ होने में 10 लाख वर्ष से भी ज्यादा वर्ष लग जाते थे।

> 5 अरब से 6 अरब होने में विश्व जनसंख्या को 12 वर्ष लगे।

> विकसित देश (जैसे अमेरिका, जापान, ब्रिटेन) विकासशील देशों (India) के मुकाबले में अपना जनसंख्या दोगुना करने में अधिक समय ले रहा है। यानी कि विकसित देश में विकासशील देश के मुकाबले जनसंख्या कम बढ़ती है।

 

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★ जनसंख्या विस्फोट (Population Explosion) :- किसी क्षेत्र विशेष के जनसंख्या का तेजी रफ्तार से बढ़ना ही जनसंख्या विस्फोट कहलाता है।

> जनसंख्या का ह्रास भी एक चिंता का विषय है, यह सूचित करता है कि जनसंख्या के लिए उपलब्ध संसाधन, जनसंख्या का भरण-पोषण करने के लिए अपर्याप्त (कम) है।

>AIDS महामारी की वजह से अफ्रीका CIS (स्वतंत्र राष्ट्रों का राष्ट्रमंडल) कुछ हिस्सों में मृत्यु का दर बढ़ गया है।

यह AIDS औसत जीवन का प्रत्याशा भी घटा दी है।

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