Class 12th History Chapter 7 Subjective Questions
नूतन स्थापत्य कला-हम्पी
1. विजय नगर साम्राज्य की स्थापना किसने और कैसे की? (Who established the Vijaynagar Empire and how ?)
Ans:- विजयनगर दक्षिण में हिन्दुओं का एक साम्राज्य था। जो बहमनी साम्राज्य के दक्षिण में स्थित था। मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में सन 1336 में हरिहर तथा बुक्का ने मुस्लिम आक्रमण को रोकने के उद्देश्य से तुंगभद्रा नदी के दक्षिण किनारे पर इस राज्य की स्थापना की थी। यह लगभग 200 वर्ष तक चलता रहा। इसने शीघ्र ही उन्नति की तथा यह कृष्णा नदी से कुमारी अन्तरीप तक फैल गया।
विजयनगर का सबसे प्रसिद्ध राजा कृष्णदेव राय था। यह सन् 1509 से 1529 ई० तक विजयनगर → का शासक रहा। वह बड़ा योग्य, दयालु, कुशल व विद्वान राजा था। सन् 1565 ई० में बहमनी साम्राज्य के राज्यों ने एक होकर विजयनगर पर आक्रमण किया तथा विजयनगर के अंतिम राजा समराजा को मौत के घाट उतार दिया। तालीकोटा के युद्ध में हारने के बाद विजयनगर राज्य छिन्न-भिन्न हो गया।
2. विरुपाक्ष मंदिर की दो विशेषताएँ बताएँ। (Write two features of Virupaksha temple.) [2020A)
Ans:- उत्तरविरूपाक्ष मंदिर की दो विशेषताएँ निम्न हैं:
(1) यह मंदिर हम्पी में स्थित है। यह मंदिर शिव के दूसरे रूप विरूपाक्ष और उनकी पत्नी देवी पंपा का है।
रावण द्वारा लंका ले जाने के दौरान शिवलिंग को यहाँ रखने से यह विरूपाक्ष मंदिर बना।
3. हम्पी पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें। (Write a short note on Hampi.)
इम्पी कर्नाटक का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। विजय नगर साम्राज्य की राजधानी होने के कारण मध्यकाल में यहाँ पर स्थापत्य कला का अभूतपूर्व विकास हुआ। 1800 ई० में एक अभियन्ता तथा पुराविद् कोलीन मैकेन्जी द्वारा हम्पी के भग्नावशेष प्रकाश में लाये गये थे। तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित हम्पी किष्किंधा राज्य की राजधानी थी, जहाँ भगवान रामचंद्र के समय वानरराज बाली राज्य करते थे। स्थापत्य कला में विजयनगर के राजाओं की रुची थी। विट्ठल मंदिर तथा सम मंदिर हम्पी के भग्नावशेष है। राजा कृष्णदेव राय ने विट्ठल मंदिर का निर्माण 1513 ई० में कराया था। कृष्णदेव राय ने ही हजारा मंदिर का निर्माण 1520 ई० में कराया था।
4. विजयनगर की स्थापत्य कला की विशेषताओं का वर्णन करें। (Describe the architectural features of Vijayanagar.) [2009, 2013, 2018A]
Ans:- विजयनगर के शासकों ने स्थापत्य कला के विकास में प्रशंसनीय योगदान दिया। दक्षिण भारत में मंदिर निर्माण शैली का चरमोत्कर्ष विजयनगर के शासकों के काल में ही प्राप्तः हुआ। इस शैली के सर्वोत्कृष्ट उदाहरणों में देवराय द्वितीय द्वारा निर्मित ‘हजारा मंदिर’ और कृष्ण देवराय द्वारा निर्मित ‘विठ्ठल स्वामी’ के मंदिर का नाम लिया जा सकता है। इसमें अत्यन्त अलंकृत स्तम्भों का प्रयोग होता था। गोपुरम और मंदिर के स्तम्भों के अलंकार पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया।
विजयनगर स्थापत्य शैली की मूर्तियाँ और स्तम्भ एक ही पत्थर को काटकर निर्मित की जाती थी। इनमें कांचीपुरम् का ‘एकाग्रनाथ मंदिर’ तथा ताड़पत्री स्थित ‘रामेश्वरम् मंदिर’ अपने सुन्दर गौपुरों के कारण अत्यन्त प्रसिद्ध हैं। विजयनगर के शासकों द्वारा अनेक महलों एवं राजप्रासादों का भी निर्माण हुआ, जिनमें से कुछ के अवशेष साम्राज्य की राजधानी विजयनगर (हम्पी) में देखे जा सकते हैं।
5. विजयनगर कालीन सिंचाई व्यवस्था की विवेचना कीजिये। [2016A] (Discuss Irrigation system during Vijaynagar.)
Ans:- विजयनगर के शासकों ने सिंचाई व्यवस्था पर पर्याप्त ध्यान दिया। विजयनगर चारों ओर से ग्रेनाइट की चट्टानों से घिरा था। इन चट्टानों से कई जलधारायें फूटकर तुंगभद्रा नदी में मिलती थी। इससे एक प्राकृतिक कुंड का निर्माण हुआ था। इन सभी धाराओं को बांधकर पानी के हौज बनाये गये थे, इन्हीं में से एक धाराओं का नाम ‘कपलपुरम जलाशय’ था। इससे आस-पास के खेतों की सिंचाई की जाती थी। इससे एक नहर भी निकाली गई थी। इनसे धान के खेतों और बगीचों की सिंचाई की जाती थी।
6. विजयनगर राज्य के पतन के कारणों को लिखिए। (Write about the causes of decline of Vijaynagar state.)
उत्तर- विजयनगर राज्य के पतन के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं
(i) निरंकुश शासन – विजयनगर के शासक निरंकुश थे, राज्य की सभी शक्तियाँ उनके हाथ में थी। अतः विपत्ति के समय में प्रजा ने शासकों को पूर्ण सहयोग नहीं दिया।
(ii) उत्तराधिकार के झगड़े-उत्तराधिकारी अयोग्य थे और राजसत्ता को लेकर निरंतर
युद्ध होते थे, जिससे साम्राज्य में अशांति बनी हुई थी। राजदरबार षडयंत्रों का केंद्र बिंदु बन गया।
(iii) मुस्लिम राज्यों से संघर्ष-बहमनी व अन्य मुस्लिम राज्यों से संघर्ष में राज्य की शक्ति कमजोर पड़ गयी। युद्धों में व्यस्त रहने के कारण प्रशासन की ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जा सका, अंत में तालीकोटा के युद्ध में विजयनगर राज्य का अंत हो गया।
7.‘महानवमी डिब्बा’ क्या है? (What is Mahanavami Dibba ? )
Ans:- विजयनगर शहर में सबसे ऊँचे स्थान पर एक लकड़ी की संरचना बनी थी जो एक प्रकार का अनुष्ठान केंद्र था। यहाँ सितम्बर तथा अक्टूबर में शरद मासों में दस दिन में हिन्दू त्योहार जिसे दशहरा, दुर्गापूजा तथा नवरात्री या महानवमी नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर विजयनगर शासक अपने रुतबे, ताकत तथा अधिराज्य का प्रदर्शन करते थे। इस अनुष्ठान केंद्र के चारों ओर सशस्त्र आदमियों और बड़ी संख्या में जानवरों की शोभा यात्रा के लिए पर्याप्त नहीं था। इस अवसर पर राजा के लिए बड़ी मात्रा में कर लाते थे। नायक राजा खुले मैदान में आयोजित भव्य समारोह का निरीक्षण करता था।
8. कमल महल के बारे में आप क्या जानते हैं? (What do you understand by Lotus Mahal ? )
Ans:-कमल महल विजयनगर की एक सुंदर इमारत है। इस महल की ऊपरी संरचना कमल की तरह दिखती है। अतः 19 वीं सदी के अंग्रेज यात्रियों ने इसका नामकरण कमल महल किया। इसका उपयोग संभवतः एक परिषदन के रूप में होता था जहाँ राजा अपने परामर्शदाताओं से मिलता था। कमल महल के समीप ही हाथियों का एक अस्तबल बना हुआ था। यह लंबाई में एक विशाल इमारत थी एवं स्थापत्य का एक विशाल नमुना भी था। कमल महल एवं हाथियों के अस्तबल के स्थापत्य पर भी इस्लामी भवन निर्माण कला का प्रभाव दृष्टिगोचर होता है।
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9. हम्पी के राजभवन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
(Write a short note on RajBhawan of Hampi.) उत्तर- हम्पी का राजभवन भी स्थापत्य कला का बेजोड़ नमुना है। इनमें एक राजा का दरबार हॉल और दूसरा सिंहासन मंच प्रमुख है। सिंहासन मंच को एक विजयभवन के नाम से भी जाना जाता है। यह कृष्णदेव राय द्वारा उड़ीसा विजय के उपलक्ष्य में बनवाया गया था। इस राजभवन में महारानी स्नानघर भी निर्मित था। राजसिंहासन मंच के ऊपर एक क्रमशः तीन घटते हुए चबुतरों के रूप में था। राजभवन की दीवारों पर फूल, पत्ती व मनुष्यों की सुंदर आकृतियाँ निर्मित की गयी थी।